पर्यटन विभाग की देखरेख में मनेगी शिवरात्रि
Veer Vats
Ranchi: झारखंड में शिवरात्रि का मायने ही देवघर होता है. काफी धूम-धाम से शिवरात्रि मनायी जाती है. पूरे कायदे से बारात निकाली जाती है. इस बारात में झारखंड समेत आस-पास के राज्यों से करीब 3.5 लाख लोग शामिल होते हैं. देवघर शहर को जानने वाले जानते हैं कि करीब 30 साल तक समाजसेवी बबलू खवाड़े की तरफ से बारात निकाली जाती रही. स्वास्थ्य कारणों से जब उन्होंने बारात निकालनी बंद कर दी तो इस काम का जिम्मा गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने लिया. दो सालों तक उनकी देखरेख में बारात निकाली गयी. यह कार्यक्रम अपने आप में सिर्फ धार्मिक रंग से ही सराबोर नहीं होता है, बल्कि राजनीतिक और एक स्टेटस सिंबल के तौर देखा जाता है. लेकिन अब इस कार्यक्रम को हेमंत सरकार की तरफ से टेकओवर कर लिया गया है. माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन की तरफ से देवघर और आस-पास के क्षेत्र के लिए यह एक मास्टर स्ट्रोक है.
डीसी ने दिया 2.20 करोड़ का बजट, एक करोड़ की मिली मंजूरी
शिवरात्रि के अवसर पर शिव बारात निकालने के लिए देवघर जिला प्रशासन की तरफ से झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग को एक चिट्ठी लिखी गई है. इस चिट्ठी में देवघर के डीसी ने कहा है कि कई वर्षों से शिवरात्रि के अवसर पर शिव बारात निकाली जाती है. शिव बारात स्थानीय केकेएन स्टेडियम से होते हुए देवघर के प्रमुख चौक-चौराहे, गलियों से होते हुए बाबा धाम मंदिर में समापन होती है. इस बारात में झारखंड राज्य के देवघर जिले सहित एवं अन्य राज्यों से लगभग 3.5 लाख पर्यटक शामिल होते हैं. शिव बारात में तरह-तरह की झांकियां, भूत-पिशाच, राक्षस, देवी-देवता, पशु-पक्षी इत्यादि का भेष धारण कर बाराती शामिल होते हैं. इस शिव बारात में भिन्न-भिन्न कलाकार अलग-अलग स्थलों पर भजन कीर्तन, शिव पुराण नृत्य इत्यादि की प्रस्तुति भी देते हैं. देवघर के डीसी की तरफ से कलाकार और उनकी तैयारी के लिए 50 लाख रुपए. टेंट, पंडाल, स्टेज, कुर्सी-टेबल, साउंड सिस्टम इत्यादि के लिए 50 लाख. झांकी की आवश्यक सामग्री के लिए 50 लाख. सजावट के लिए 40 लाख और दूसरे मद में खर्च के लिए 30 लाख पर्यटन विभाग से मांगा गया है. जिसकी मंजूरी अभी नहीं मिली है. पुख्ता सूत्रों का कहना है कि करीब एक करोड़ की स्वीकृति इस बारात के आयोजन के लिए पर्यटन विभाग से दी जाएगी.