ग्रामीण डाक सेवक अमन कुमार का एमटीएस में प्रमोशन होना था. इसे लेकर वह लगातार हेड पोस्टऑफिस जाकर जानकारी ले रहे थे. इसी बीच जनवरी महीने में हेड पोस्टऑफिस के एक क्लर्क ने जल्द काम कराने के लिए प्रभात रंजन से संपर्क करने का सुझाव दिया. जब वह प्रभात रंजन से मिले, तो उन्होंने 70 हजार रुपये की मांग की. इस पर अमन कुमार ने सात जनवरी को सीबीआइ से इसकी शिकायत की थी.
जानकारी के अनुसार अमन ने प्रभात रंजन से बात की, तो प्रभात रंजन ने शाम में अमन को अपने पास बुलाया, लेकिन वह नहीं मिले. फिर देर शाम अमन ने उनको फोन किया, तो उन्होंने उसे घर पर बुलाया. अमन देर शाम 30 हजार रुपये लेकर जगजीवन नगर स्थित प्रभात रंजन के घर गया और 30 हजार रुपये बतौर रिश्वत दे दिये. इस बीच सीबीआइ की टीम वहां पहुंच गयी. टीम की भनक मिलते हीं प्रभात ने रुपये एक सिमेंट की बोरी में छुपा दिये, जहां से सीबीआइ की टीम ने तलाशी के क्रम में ढूढ निकाला. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.