New Delhi: पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के साथ संवेदनशील जानकारी शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार सीआरपीएफ जवान मोती राम जाट को पद से बर्खास्त कर दिया गया है. इस सीआरपीएफ कर्मी की सोशल मीडिया गतिविधि पर लगातार नजर रखी जा रही थी. इस दौरान केंद्रीय एजेंसियों ने पाया कि एएसआई/जीडी रैंक के कर्मी ने मानदंडों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है. शुरुआती आकलन के बाद मामले को गंभीर माना गया और आगे की जांच के लिए इसे एनआईए को भेज दिया गया. आरोपी सीआरपीएफ कर्मी को नियमों के उल्लंघन के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.
बता दें कि सीआरपीएफ का ASI हनीट्रैप में फंसकर देश की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया विभाग को भेज रहा था. सीआरपीएफ को जब उस पर शक हुआ तो उस पर नजर रखनी शुरू की. शक सही पाए जाने पर एएसआई को बर्खास्त कर जांच को एनआईए के हवाले कर दिया गया. आरोपी एएसआई का नाम मोतीलाल है. वह राजस्थान का रहने वाला है. सीआरपीएफ का आरोपी ASI बर्खास्तगी से पहले पहलगाम में तैनात था. लेकिन अब तक हुई जांच में उसका पहलगाम आतंकी हमले से कोई लिंक नहीं मिला है.
जानकारी के मुताबिक, जवान मोती राम जाट जासूसी में एक्टिव था. वह 2023 से पाकिस्तानियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी शेयर कर रहा था. एनआईए ने कहा कि एजेंसी यह भी पता लगाने में कामयाब रही है कि वह विभिन्न माध्यमों से पाकिस्तानी अधिकारियों से पैसे भी लेता था.
मोती राम जाट की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, एनआईए ने उसे पटियाला हाउस कोर्ट में एक विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया था, जिन्होंने उसे 6 जून तक की हिरासत में भेज दिया. एनआईए ने उसकी हिरासत की मांग करते हुए अदालत से कहा था कि सीआरपीएफ जवान से उन लोगों के बारे में पूछताछ की जानी है, जिनसे वह मिलता था. जांचकर्ताओं ने जासूसी में कथित रूप से शामिल उसके सहयोगियों की पहचान करने के लिए उसे अन्य शहरों में ले जाने की मंशा भी जताई थी.
सीआरपीएफ जवान मोती राम जाट की गिरफ्तारी भारतीय एजेंसियों द्वारा पिछले करीब एक महीने से पाकिस्तानी जासूसों के खिलाफ की जा रही उस कार्रवाई का हिस्सा है, जिसके तहत अब तक यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से 11 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है.