बन्ना गुप्ता के पीएस के आवास से मिला नकद
ईडी की टीम ने झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के पीएस ओम प्रकाश के जमशेदपुर स्थित आवास के अलावा झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के पूर्व एडिशनल एक्जीक्यूटिव डॉयरेक्टर अभिषेक श्रीवास्तव सहित अन्य के ठिकाने में छापेमारी की. वहीं दूसरी ओर ईडी की टीम ने पीपी कंपाउंड स्थित तौरूष टावर स्थित थर्ड पार्टी असेसमेंट (टीपीए) एमडी इंडिया और सेफवे हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के कार्यालय में भी छापेमारी की. केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ सबसे अधिक ईडी के अधिकारियों की टीम यहीं पहुंची थी. सेफवे कंपनी के अधिकारियों के अलावा बीमा कंपनी के अधिकारियों पर फर्जी दावों के भुगतान का आरोप है.
ईडी की टीम ने अशोक नगर, एदलहातू, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी में अन्य लोगों के ठिकाने में भी छापेमारी की. हजारीबाग के मासीपीढ़ी पंचशील मुहल्ला स्थित एके सनसाइन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में ईडी की टीम ने सुबह से लेकर शाम तक करीब नौ घंटे छापेमारी की. अस्पताल के संचालक डॉ अर्जुन कुमार ने बताया कि अस्पताल के रजिस्टर, कंप्यूटर, मरीजों को दिये गये हॉस्पिटल के बिल की जांच की गयी. इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना से मरीजों का किया गया इलाज का रिकॉर्ड की भी जांच की गयी.
गुमला में गिरिडीह में कार्यरत आयुष्मान योजना के को-ऑर्डिनेटर गुमला हनुमान नगर के निवासी शंकर चौधरी के घर में भी छापामारी हुई. ईडी की टीम ने जो जानकारी मांगी उन्हें सभी जानकारियां दी गयी हैं. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के पीएस पर आरोप है कि इनके करीबी संबंध आरोपियों से रहे थे. वहीं दूसरी ओर पूर्व एडिशनल डॉयरेक्टर पर अवैध लेन- देन में शामिल होने का आरोप है. ईडी की प्रारंभिक जांच में आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी बिल का भुगतान कराने में सीनियर कंसल्टेंट वैभव राय को भी शामिल पाया है.
आयुष्मान भारत योजना में हुई गड़बड़ी के मामले में भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (सीएजी) संसद में पेश की गयी थी. इसके बाद ईडी ने इसीआईआर दर्ज की थी. सीएजी की रिपोर्ट में झारखंड में आयुष्मान योजना में गड़बड़ी की बात सामने आयी थी. इसमें इलाज के नाम पर गड़बड़ी और अस्पताल को योजना में शामिल करने सहित अन्य आरोप थे. सीएजी की रिपोर्ट आने के बाद ईडी की ओर से स्वास्थ्य विभाग और झारखंड राज्य हेल्थ सोसाइटी से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करनेवाले के बारे में जानकारी मांगी गयी थी. इसके बाद विभाग द्वारा आयुष्मान योजना में हुई गड़बड़ी को लेकर कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज केस के बारे भी ईडी को जानकारी उपलब्ध करायी गयी थी. इसी दर्ज केस के आधार पर ईडी के द्वारा इसीआइआर दर्ज कर जांच शुरू की गयी थी. इसी जांच में आये तथ्यों के आधार पर छापेमारी की गयी है.