By- Ramesh Gholap (IAS)
– मेरे लिए यह बहुत बड़ा सम्मान है और इसे मैं जीवन भर संजोकर रखूंगा…
जिंदगी में कुछ यादों को कभी भुलाया नहीं जा सकता. इस तस्वीर में दिख रही महिला झारखंड के गढ़वा जिले के दशकों से घोर नक्सल प्रभावित रहे बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के टेहरी पंचायत की सम्मानित मुखिया श्रीमती बिंको टोप्पो जी हैं.
कल ऑफिशियल कार्य से गढ़वा जिले में था. दो दिन पहले जब मेरे गढ़वा आने की सूचना किसी प्रकार बिंको टोप्पो तक पहुंची तो उन्होंने मुझे मैसेज कर मिलने की इच्छा जाहिर की थी. गढ़वा में प्रवास के दौरान शाम को परिसदन में वह अपने पिताजी और भाई के साथ आईं. पढ़ी लिखी, आदिवासी समाज की एक कर्मठ महिला जनप्रतिनिधि. उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, पेट का ऑपरेशन होने के कारण दर्द से वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थीं, पर उस हालात में भी अपने सारे दर्द भूलकर वह मुझे मिलने के लिए पहुंचीं थी.
साथ में वह तस्वीर की फ्रेम लेकर आई थीं, जो उन्होंने 3 साल पहले गढ़वा से मेरे ट्रांसफर के उपरांत मुझे देने के लिए बनाई थी. मिलते ही भावुक होकर बोलीं, “सर, तीन साल पहले ही इस तस्वीर को आपके लिए बनवाया था. आपका तबादला हो गया, उस दिन फ्रेम वाले ने समय पर बनाकर नहीं दी, इसलिए आपको दे नहीं पाई थी. तब से कई बार सोचा कि रांची जाकर आपको यह तस्वीर दे दूं, लेकिन आ नहीं पाई.”
जब मैंने फ़्रेम का कवर हटाने का अनुरोध किया और खोलकर देखा तो देखकर भावुकता के साथ पुरानी यादें भी ताज़ा हो गईं. आजादी के बाद पहली बार जिलाधिकारी के रूप में उस अति नक्सल प्रभावित इलाके में पहुंचना, विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन करना और जिस जगह पर कभी नक्सलियों की अदालत लगती थी उसी स्थान पर सरकार के निर्देश पर जनता दरबार का आयोजन कर लोगों से संवाद करना, बूढ़ा पहाड़ के लोगों को समाहरणालय लाकर उनके साथ मीटिंग करना जैसे कई यादें और स्मृतियां उस तस्वीर में जीवित थीं.
मुझे याद है करीब एक घंटा जंगलों और नदियों से गुजरते हुए उस क्षेत्र में बाइक के माध्यम से डीसी, एसपी, कमांडेट समेत पूरा प्रशासन पहुंचा था. पूर्व की नक्सली गतिविधियों का साक्षी रहा वह इलाका अब सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का साक्षी बनने जा रहा था. उसके उपरांत लगभग तीन महीने मैं वहां बतौर जिलाधिकारी रहा. इन तीन महीनों में पंचायत कर्मियों से लेकर जिला प्रशासन के पदाधिकारियों तक और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से हर संभव कदम उठाने का प्रयास किया, जिससे इन लोगों के जीवन में परिवर्तन लाया जा सके.
27 जनवरी, 2022 को जिला प्रशासन का प्रयास तब रंग लाया, जब राज्य के मुखिया, माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आज़ादी के बाद एवं झारखंड बनने के उपरांत पहली बार स्वयं बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र पहुंचे. सैकड़ों आमजनों को योजनाओं के स्वीकृति पत्र बांटे कई योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन किया, प्रशासन के प्रयासों की प्रशंसा की और इस क्षेत्र के विकास के लिए ‘बूढ़ा पहाड़ डेवलपमेंट प्रोजेक्ट’ की भी शुरुआत की.
गढ़वा जिलाधिकारी से तबादले के उपरांत आज भी इस जिले के कई लोग हमेशा मिलकर, फोन, मैसेज एवं अन्य माध्यम से पुरानी यादों को ताज़ा करते हैं और प्यार व आशीर्वाद देते रहते हैं. कल इस क्षेत्र भ्रमण में गढ़वा परिसदन में बिंको टोप्पो जी से जो संवाद हुआ, उन्होंने जो भावनाएं व्यक्त कीं और जो तस्वीर भेंट की वह मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है और इसे मैं जीवन भर संजोकर रखूंगा.
बिंको जी…
“बूढ़ा पहाड़ जैसे क्षेत्र से विपरीत हालातों से लड़कर आपने जो उच्च शिक्षा प्राप्त की है और जनता के विकास के लिए जो मेहनत कर रही हैं, वह अवश्य रंग लाएगी. समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों का विकास करने की सरकार की सोच को धरातल पर उतारने में आप जैसी कर्मठ और जुझारू जनप्रतिनिधियों का ही बहुत बड़ा योगदान है. लड़ते रहिए, बूढ़ा पहाड़ जैसे क्षेत्र के लोगों के लिए, आप एक उम्मीद हैं. उस उम्मीद को बनाए रखिएगा. शुभकामनाएं और बूढ़ा पहाड़ की तमाम जनता को मेरी तरफ से जोहार.”