Ranchi: झारखंड में मई महीने के बाद से ही शराब विभाग यानी उत्पाद विभाग की घोटाले से जुड़ी खबर आए दिन मीडिया में प्रकाशित हो रही थी. बीते दो दिनों से फिर से एक बार उत्पाद विभाग की खबर सुर्खियां बटोर रही हैं. लेकिन इस बार वाली खबर निगेटिव नहीं बल्कि पॉजिटिव है. दरअसल कई मुश्किलों के बाद विभाग ने नयी शराब नीति को अब झारखंड में लागू कर दिया है. दुकान आवंटन यानी लॉटरी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जिन्हें भी झारखंड में खुदरा दुकान मिलना था, वो आवंटित हो चुका है. बस कागजी कार्यवाही के बाद दुकानों का संचालन निजी हाथों में दे दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि सितंबर माह में सारी औपचारिकताओं को पूरी कर ली जाएगी.
सेटेलमेंट का स्ट्राइक रेट 100%, राज्य भर में 1343 शराब दुकान
झारखंड बनने के बाद शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि दुकान आवंटन की प्रक्रिया की स्ट्राइक रेट सौ फीसदी की रही हो. मतलब जितने दुकानों के लिए टेंडर निकाला गया था. सभी दुकान आवंटित हो गए. नयी शराब नीति लागू होते ही राज्यों में शराब के खुदरा दुकानों की संख्या अब 1343 हो गयी है. जिसमें 159 देसी शराब की दुकान है और 1184 कम्पोजिट शराब (जहां देसी और अंग्रेजी दोनों शराब बिकती है) की दुकानों की संख्या है. सबसे ज्यादा दुकान रांची जिला में आवंटित हुए हैं. यहां 122 कम्पोजिट और 28 देसी दुकान खुलेंगे. वहीं दूसरे नंबर पर जमशेदपुर जिला है जहां एक भी देसी दुकान नहीं है और कम्पोजिट दुकानों के संख्या 109 हैं. 106 कम्पोजिट और 24 देसी दुकान के साथ धनबाद तीसरे नंबर पर है. वहीं चौथे नंबर गिरिडीह जिला है जहां कम्पोजिट दुकानों की संख्या 93 है और देसी दुकानों की संख्या 7 हैं. वहीं बोकारो पांचवे नंबर पर है जहां 67 कम्पोजिट दुकान और 8 देसी दुकान हैं.
आने वाले दिनों में पूरा देश इस मॉडल को अनाएगाः मंत्री
इस मामले पर उत्पाद विभाग के मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने yesjharkhand.com को बताया कि इस बार की लॉटरी प्रक्रिया का काम जिस तरीके से पूरा किया गया है, उसे एक ऐतिहासिक कदम कहा जा सकता है. लोगों का विभाग के प्रति जो अविश्वास था वो अब विश्वास में बदल चुका है. विभाग ने बड़ी ही पारदर्शी तरीके से पूरे प्रक्रिया को पूरा किया है. जिस मॉडल को इस लॉटरी की प्रक्रिया पूरी करने में अनपाया गया है, वो काबिले तारीफ है. आने वाले दिनों में पूरा देश इस मॉडल को अपने राज्यों में लागू कर सकता है.
जानें क्या है विभाग का लक्ष्य और लॉटरी से कितनी हुई कमाई
विभाग का कहना है कि आने वाले वित्त वर्ष में उत्पाद विभाग ने अपनी कमाई का लक्ष्य 4000 करोड़ रुपए रखा है. वहीं सितंबर 2025 से मार्च 2026 तक की कमाई की लक्ष्य विभाग ने 2500 करोड़ रुपए तय किया है. विभाग के अधिकारियों का दावा है कि यह लक्ष्य आसानी से पूरा किया जा सकता है. वहीं विभाग के लॉटरी से होने वाली कमाई की बात करें तो विभाग को अभी तक आवेदन शुल्क और बयाना राशि (earnest money deposit) से करीब 1100 करोड़ विभाग के खाते में आए हैं. लेकिन जिन्हें दुकान नहीं मिला है, विभाग उनकी बयाना राशि वापस करने का काम जल्द ही करेगा.