Bermo: बेरमो अनुमंडल के लगभग सभी थाना क्षेत्रों में कोयला तस्करी अपने चरम पर पहुंच गई है. नावाडीह, पेंक नारायणपुर, गांधी नगर, बोकारो थर्मल, पेटरवार, कथारा, चतरोचट्टी, तेनुघाट समेत कई इलाकों से प्रतिदिन सैकड़ों टन कोयला अवैध रूप से खनन कर बेचा जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार, सीसीएल की गोविंदपुर परियोजना और बीएनके की खासमहल परियोजना से कोयला चोरी कर डिपो में जमा किया जाता है, जहां से तस्कर इसे ट्रकों के माध्यम से बाहरी मंडियों में सप्लाई कर रहे हैं. इतना ही नहीं, नावाडीह के चिरुडीह स्थित फैक्ट्रियों और ईंट भट्ठों में भी यह अवैध कोयला खपाया जा रहा है. नावाडीह थाना क्षेत्र के गूँजरडीह, चिपरी, चिरुडीह, 15 माइल के जंगल, बारीडीह, पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र पलामू, गांधी नगर थाना क्षेत्र के तारा बेड़ा, खासमहल, बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र के अरमो, लुकुबाद,पेटरवार थाना क्षेत्र के खेतको, कथारा ओपी क्षेत्र के झिरकी, जगेश्वर विहार, तेनुघाट ओपी क्षेत्र के चाँपी, चतरोचट्टी, महुआटांड़ सहित अन्य क्षेत्रों से कोयला तस्करी जोरों पर है.
विष्णुगढ़ के नरकी बना कोयला स्टॉक प्वाइंट
सीसीएल की गोविंदपुर परियोजना का कोयला विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के नरकी में जमा किया जाता है, जहां से ट्रकों द्वारा इसे अन्य राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है।
पुलिस की मिलीभगत पर उठे सवाल
स्थानीय लोग बताते हैं कि कोयला तस्करी पहले भी होती थी, लेकिन अब यह पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है. इस अवैध धंधे में पुलिस और स्थानीय प्रशासन की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता. इतना ही नहीं, कई थानों की पुलिस को तस्करों से हर ट्रक के हिसाब से “हिस्सेदारी” मिल रही है, जिससे कार्रवाई न के बराबर हो रही है.
बेरमो अनुमंडल में कोयला माफिया इतने सक्रिय हो गए हैं कि अब यह कारोबार खुलेआम और बेधड़क चल रहा है. प्रशासन अगर जल्द सख्त कार्रवाई नहीं करता, तो यह कोयला तस्करी का नेटवर्क और भी मजबूत हो सकता है.