Ranchi: हेमंत सोरेन 2.0 के गठन के बाद राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने खुद मोर्चा संभाला और स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करने के साथ राजधानी रांची में रिम्स टू के निर्माण की योजना बनायी. हालांकि रिम्स टू का निर्माण कांके में स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय जिस जमीन खेती और शोध करता है. इसी जमीन पर रिम्स-2 में प्रस्तावित है.
जमीन गई तो विश्वविद्यालय की मान्यता पर आ सकता है संकट
मौका था एग्रोटेक किसान मेला 2025 समापन का और इस दौरान राज्यपाल संतोष गंगवार की मौजूदगी में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि रिम्स टू का निर्माण अगर विवि की जमीन पर हुआ तो मान्यता पर संकट आ सकता है. वहीं कशिश न्यूज से बात करते हुए विवि के कुलपति डॉ सतीश चंद्र दुबे ने कहा कि निश्चित तौर पर हमारे पास वही एक बड़ा लैंड है जिसपर खेती होती है और बीज उत्पादन होता है. साथ ही साथ पीएचडी के छात्र शोध करते है. जमीन चली जाने के बाद निश्चित तौर पर शोध भी बाधित होगा, शिक्षा भी बाधित होगी और हो सकता है की हमें मान्यता के लिए भी संघर्ष करना पड़े.
जमीन रिनपास की निर्माण में कोई नहीं होगी दिक्कत: विधायक
वहीं स्थानिय विधायक ने कहा कि रिम्स-2 जिस जमीन बनना है वह जमीन रिनपास की है इसलिए निर्माण में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी.
इन पहलुओं को समझें
नियम अनुसार कृषि विश्वविद्यालय के लिए 1000 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ती है. लेकिन वर्तमान समय में विवि के पास सिर्फ 450 एकड़ जमीन उपलब्ध है. जिसमे सीएसआर की तीस परियोजनाएं संचालित होती है. वहीं रिम्स-2 के निर्माण के लिए 100 एकड़ से अधिक जमीन चिन्हित की गई है. विवि के पास जमीन नहीं रहने के स्थिति में परियोजना के पठन-पाठन और शोध के साथ मान्यता के लिए भी संघर्ष करना पड़ सकता है.
कांके में होना है रिम्स -2 का निर्माण
रिम्स-2 का निर्माण कांके अंचल क्षेत्र में होना है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने स्थलीय निरीक्षण भी कर चुके है. रिम्स-2 के निर्माण के लिए सरकार ने 1,074 करोड़ राशि का प्रवधान भी कर चुकी है….अब देखने वाली बात होगी कि रिम्स-2 का निर्माण होता है या यह भी योजना ठंडे बस्ते में चली जायेगी.