Bihar: बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन से पहले पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए मौन रखा. पीएम मोदी ने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने मासूम देशवासियों को जिस बेरहमी से मारा है, उससे पूरा देश व्यथित है. कोटि कोटि देशवासी दुखी हैं. सभी पीड़ित परिवारों के इस दुख पूरा देश उनके साथ खड़ा है. जिन परिवारजनों का अभी इलाज चल रहा है, वे जल्द स्वस्थ हों, इसके लिए भी सरकार हर प्रयास कर रही है. इस आतंकी हमले में किसी ने अपना बेटा खोया, किसी ने अपना भाई खोया, किसी ने अपना जीवनसाथी खोया है.

पीएम मोदी ने कहा कि उनमें से कोई बांग्ला बोलता था, कोई कन्नड बोलता था, कोई मराठी था, कोई उड़िया था, कोई बिहार का लाल था. आज उन सभी की मृत्यु  पर करगिल से कन्याकुमारी तक हमारा दुख एक जैसा है. हमारा आक्रोश एक जैसा है. एक हमला निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है. देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है. मैं बहुत साफ शब्दों में कहना चाहता हूं जिन्होंने यह हमला किया है उन आतंकियों और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी. सजा मिलकर के रहेगी. अब आतंकियों की बची खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है. एक सौ 40 करोड़ भारतीयों की इच्छाशक्ति अब आतंक के आकाओं की कमर तोड़कर रहेगी.

पीएम मोदी ने कहा कि बिहार वो धरती है, जहां से पूज्य बापू ने सत्याग्रह के मंत्र का विस्तार किया था.  पूज्य बापू के दृढ़ विश्वास था कि जब तक भारत के गांव मजबूत नहीं होंगे, तब तक भारत का तेज विकास नहीं हो पाएगा. देश में पंचायती राज की परिकल्पना के पीछे यही भावना है.

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