Mumbai: मुंबई की एक अदालत ने ‘न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक’ के पूर्व चेयरमैन हिरेन भानु और उनकी पत्नी गौरी भानु को 122 करोड़ रुपये के गबन मामले में भगोड़ा अपराधी घोषित किया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

इसी मजिस्ट्रेट अदालत ने पुलिस को मामले में पांच आरोपियों की 167.85 करोड़ रुपये कीमत की 21 संपत्तियों को कुर्क करने की भी अनुमति दी है, जो नए आपराधिक कानूनों के लागू होने के बाद शहर में इस तरह की पहली कार्रवाई होगी. इस संपत्ति में 150 करोड़ रुपये लागत की झुग्गी पुनर्वास परियोजना भी शामिल है. भानु दंपत्ति फरवरी में गबन का मामला सामने आने से कुछ दिन पहले ही देश छोड़कर फरार हो गए थे.

मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बैंक के पूर्व महाप्रबंधक हितेश मेहता और पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोन समेत अबतक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “ईओडब्ल्यू ने भानु और उनकी पत्नी को भगोड़ा अपराधी घोषित करने की मांग करते हुए अदालत में एक आवेदन दिया था. अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली है.”

उन्होंने बताया कि अदालत ने पहले दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था. इस बीच, ईओडब्ल्यू ने बुधवार को पांच आरोपियों की 167.85 करोड़ रुपये की 21 संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन संपत्तियों में चारकोप में 150 करोड़ रुपये की एक झुग्गी पुनर्वास परियोजना शामिल है, जो गिरफ्तार आरोपियों में से एक बिल्डर धर्मेश पौन की देखरेख में चल रही थी. इसके अलावा सात फ्लैट, एक दुकान और मेहता का एक बंगला भी कुर्क की जाने वाली संपत्तियों में शामिल है.

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