Bokaro: बोकारो जेनेरल अस्पताल (BGH) के डॉक्टरों की टीम ने मौत को मात दे दी. एक ऐसा मामला, जहां इंसान के बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, वहां डॉक्टरों ने चमत्कार कर दिया. 25 फरवरी 2025 की रात 8.30 बजे बीजीएच के आपातकालीन कक्ष (Casualty) में एक 22 वर्षीय युवक को गंभीर हालत में लाया गया. तलवार के भीषण वार से उसका चेहरा तीन टुकड़ों में कट चुका था, गर्दन और सिर पर गहरे घाव थे, और सांसें उखड़ रही थीं. खून से लथपथ इस मरीज को देखकर सभी के रोंगटे खड़े हो गए, लेकिन बीजीएच के डॉक्टरों की टीम ने इसे जीवनदान देने का संकल्प ले लिया.

जैसे ही मरीज को कैजुअल्टी में लाया गया, डॉक्टरों ने बिना एक पल गंवाए जान बचाने की कोशिश शुरू की. खून लगातार बह रहा था, सांसें थमने को थीं, लेकिन डॉक्टरों की टीम डॉ. अनिंदा मंडल के नेतृत्व में डटी रही. मरीज को तुरंत ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया, जहां डॉ. सतीश के मार्गदर्शन में जनरल सर्जन डॉ. अखिलेश और उनकी टीम ने 7 घंटे तक ऑपरेशन कर खून बहना रोका। इस दौरान मरीज की नाक और मुंह से सांस लेना असंभव हो चुका था, इसलिए डॉ. बृजेश के नेतृत्व में ENT टीम ने ट्रेकियोस्टोमी (गले में सांस लेने का वैकलपिक मार्ग बनाकर उसे सांस दी.

दूसरी लड़ाई: सीने में खून का रिसाव और संक्रमण से बचाव

ऑपरेशन के बाद मरीज को क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) में भर्ती किया गया, क्योंकि अत्यधिक रक्तस्राव के कारण खून उसके फेफड़ों में पहुंच चुका था, जिससे उसे घातक संक्रमण का खतरा था। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की कड़ी मेहनत से मरीज को धीरे-धीरे स्थिर किया गया.

सबसे बड़ा ऑपरेशन: टूटा हुआ चेहरा जोड़ने का चमत्कार

मरीज की हालत में सुधार होते ही 6 मार्च 2025 को प्लास्टिक सर्जरी टीम ने सबसे चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को अंजाम दिया। डॉ. अनिंदा मंडल के नेतृत्व में डॉ. अभिषेक खलखो, डॉ. पुष्पा रंजन और डॉ. तेजस्वी गुप्ता की टीम ने 7 घंटे तक ऑपरेशन कर चेहरे की टूटी हड्डियों, नाक, होंठ और गाल को फिर से जोड़ने का कमाल कर दिखाया। इस दौरान डॉ. अभिजीत दाम, डॉ. राजेश राज और उनकी एनेस्थीसिया टीम ने पूरी सर्जरी में मरीज को स्थिर बनाए
रखा।
टीमवर्क और समर्पण ने किया असंभव को संभव इस पूरे इलाज के दौरान बीजीएच के कैजुअल्टी, सीसीयू, ओटी और वार्ड 2सी की नर्सिंग टीम ने चौबीसों घंटे काम किया, जिससे मरीज की जान बचाई जा सकी। यह अद्भुत सफलता डाक्टर अनिंदा मंडल के निगरानी में बीजीए डॉक्टरों की टीम वर्क, समर्पण और उत्कृष्ट चिकित्स कौशल का नतीजा है.

Share.

Leave A Reply

Exit mobile version