
लोगों को जबतक कुछ समझ में आता देखते ही देखते सुखदेव प्रसाद यादव (55) ने दम तोड़ दिया. लोगों ने उन्हें जगाने का प्रयास किया. लेकिन, कोई हरकत नहीं देख चीख पुकार मच गयी. हालांकि ग्रामीणों ने उन्हें महेशमुंडा स्थित एक अस्पताल पहुंचाया, वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. बताया जाता है कि रामनवमी के मौके पर ग्रामीणों की ओर से मधवाडीह बजरंगबली मंदिर प्रांगण में अखाड़ा का आयोजन किया गया था. यहां ग्रामीण लाठी से तरह-तरह के खेल प्रदर्शन कर रहे थे. बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जमा थी. गांव के ही सुखदेव प्रसाद यादव भी करतब दिखाने अपने पुत्र विक्की यादव के साथ दंगल में उतर गये. पिता-पुत्र डंके के धुन पर करतब दिखाने लगे. इस दौरान करतब पूरा होने के बाद सुखदेव प्रसाद यादव लाठी भी नहीं रख पाये और अचानक उसे हदृयाघात हो गया. वे अपने पीछे दो पुत्र, एक पुत्री सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं. पूरे गांव में मातम में तब्दील हो गया.