
Veer Vats
Ranchi: बिहार में सरकार की तरफ से शराबबंदी लागू है, लिहाजा बिहार के शराबप्रेमी आस-पास के राज्यों पर शराब के लिए निर्भर है. लेकिन झारखंड की बात करें तो यहां शराबबंदी लागू नहीं है फिर भी शराब की कमी पूरे राज्य में देखी जा रही है. एक तरह से कहा जा सकता है कि झारखंड में अघोषित शराबबंदी लागू है. 16 मई को झारखंड सरकार की तरफ से शराब की नयी नीति को मंजूरी मिली थी. हालांकि इस तरह की नीति पर राज्य में पहले भी शराब की बिक्री हो रही थी. पुरानी नीति में थोड़ा-बहुत बदलाव कर उसे फिर से कैबिनेट से पास कराया गया. लेकिन उसे लागू नहीं किया जा सका. आखिर क्यों नयी शराब नीति लागू नहीं हो पायी, यह समझ के परे है.
हैंडओवर-टेकओवर के नाम नाम पर लागू है अघोषित शराबबंदी
नयी शराब नीति को लागू नहीं किया जा सका, लेकिन पुरानी नीति को हटाने की कवायद सरकार और उत्पाद विभाग की तरफ से की जाने लगी. सरकार इस नतीजे पर पहुंची कि जब-तक नयी शराब नीति लागू नहीं होती है, तब-तक विभाग खुद ही शराब की बिक्री करेगा. ऐसे में विभाग की तरफ से सभी खुदरा दुकानों का हिसाब-किताब होना शुरू हो गया. जिसे विभाग की भाषा में हैंडओवर-टेकओवर कहा जाता है. झारखंड की 1453 दुकानों का हिसाब होना है. फिलहाल करीब 800 दुकानों का हिसाब हो चुका है. विभाग की तरफ से जिस दुकान का हिसाब-किताब का काम हो जाता है, उसे बंद कर दिया जाता है. विभाग की तरफ से उसे सील कर दिया जा रहा है. यानी उस दुकान से शराब की बिक्री पर रोक लग जाती है.
खपायी जा रही नॉनब्रांड व्हिस्की, बियर और रम
राज्य में जिन दुकानों को सील नहीं किया गया है, उन सभी दुकानों में एक भी ब्रांडेड शराब उपलब्ध नहीं हैं. वैसे कुछ दुकान, जिसे सील करने के बाद फिर से खोला गया है, वहां भी ब्रांडेड शराब नहीं है. लिहाजा ग्राहकों को जबरन ऐसी शराब खरीदनी पड़ रही है, जिसका नाम आज-तक उन्होंने सुना ही नहीं है. या तो दुकान में इतनी महंगी शरीब बची है, जिसे मीडिल क्लास खरीद नहीं सकता, या फिर ऐसी शराब जिसे ग्राहक पीना नहीं चाहते.
ना ही क्यूआर कोड काम कर रहा, ना ही पॉश मशीन
राज्य में कुछ दिनों पहले तक लगभग सभी दुकानों में क्यूआर कोड या फिर पॉश मशीन के जरिए पेमेंट ली जा रही थी. लेकिन अब जो इक्का-दुक्का शराब की दुकाने खुली हुई हैं. वहां सिर्फ कैश ही लिया जा रहा है. जबकि आज के समय में शायद ही कोई कैश लेकर किसी भी दुकान पर जाता हो. जेब में कैश नहीं होने से भी ग्राहक दुकान से खाली हाथ लौट रहे हैं. क्योंकि कुछ दिनों पहले तक ग्राहक ऑनलाइन पेमेंट ही कर रहे थे. ऐसे हालात को देखते हुए कहा जा रहा है कि झारखंड में अघोषित शराबबंदी लागू है. कहा जा रहा है कि अगस्त तक कमोबेश यही हाल राज्य में रहेगा.